जहाँ एक ओर आ रही जबरन आधुनिकता, स्वच्छंदता व गुमराह स्वतंत्रता को बढ़ावा दे रही है, वहीं आज की नेतृत्व करती नारी परिवार के तारों को आधुनिकता तथा संस्कृति के मध्य समायोजन कर बाँधने का प्रयास कर रही है। सिहोर जिले की कुर्लीकलां ग्राम पंचायत की सरपंच मैनबाई घर-घर जाती हैं, सबसे बातें करती हैं और इसी के चलते उन्हौने गांव पंचायत के विभिन्न वर्ग के लोगों में अपना विशेष स्थान बना लिया है। लोगों की सामाजिक और निजी समस्याओं को धेर्यपूर्वक सुनना और फिर उनके हल की दिशा में सार्थक प्रयास करना, वहाँ के लोगों को भी लगता है कि वे एक नारी हैं इसलिए इस मुकाम पर वे पुरूषों से बेहतर सामजस्य बैठा पाती हैं। मैनबाई स्वयं बहुत ही गरीब आदिवासी परिवार से संबध्द हैं और पंचायत के चारो गांवों, कुर्लीकलां, नांजीपुर, काेंड़कपुरा और निमावड़ा के गरीबों की व्यथा समझते हुए उस दिशा में जीतोड़ प्रयास करती हैं।. . . . .पूरा पढ़ें