राजस्व का भारी नुकसान :

बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिये ओ.एफ.सी. मुनाफे की हेरा-फेरी करने की सर्वोत्ताम जगह बनी है। यहाँ ऐसा लेन-देन चलता है जिसमें मुनाफे और घाटे को कागजों पर गुणाभाग करके इस तरह समायोजित किया जाता है कि जिससे कम से कम या न के बराबर टैक्स देना पड़े। मुनाफे की यह हेराफेरी उन कम्पनियों द्वारा की जाती है जो बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की सम्पत्तिा की देखभाल के लिये बनायी जाती हैं।
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अपना मुनाफा छिपाने के लिये कम्पनी पेटेन्टों, कापीराइट एवं डिजाइन जैसी चीजों की मालकियत ओ.एफ.सी. स्थित कम्पनी को ट्रांसफर कर देती है और कम टैक्स वाले अधिकार क्षेत्रों में जाकर रायल्टी की रकमें वसूल कर लेती है। इसी वर्ष, दवा बहुराष्ट्रीय कम्पनी मर्क ने 2.3 अरब डॉलर के टैक्स की चोरी की। इसने अपने पेटेन्टों की मालकियत को बारामुडा स्थित अपनी ही कम्पनी को ट्रांसफर कर दिया और तब टैक्स बचा कर रायल्टी अपनी ही कम्पनी द्वारा अपने आप को दे दी। माइक्रो सॉफ्ट भी इस तरह की गतिविधियों में लिप्त है। ........पूरा पढ़ें

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