भूमि अधिग्रहण के खिलाफ़ नंदीग्राम में औरतों और पुरूषों से लेकर छोटे बच्चों में भी भयानक रोष काफी पहले से है। गांव में पिछले डेढ़ साल से ही भूमि कब्जाने की अफवाह फैली हुई थी, जिसके चलते लोगों ने इसकी खिलाफ़त के लिए खुद को संगठित कर लिया था। पंचायतों और ग्रामसंसदों ने उनसे इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की। जब 'हल्दिया डेवलपमेंट अथारिटी' ने सलेम ग्रुप के सेज बनाने के लिए भूमि कब्जाने का नोटिस जारी किया, तब स्थानीय लोग 3 जनवरी को कालीचरणपुर पंचायत कार्यालय पर सूचना मांगने पहुंचे; तो प्रधान ने कहा कि उनके पास कोई भी सूचना नहीं है। लोग शान्तिपूर्वक वहाँ से लौट गए। इसके कुछ समय बाद ही पुलिस ने बैटन, आंसू गैस और गोलियों से स्थानीय लोगों पर आक्रमण किया जिसमें चार लोग घायल हुए। एक बड़ा जमावड़ा सड़कों पर उतर आया। महिलाएं हाथ में ञ्रेलू उपकरण जैसे चाकू आदि ही लेकर निकल पड़ीं, करीब एक घंटे तक पुलिस के साथ आमने-सामने की मुठभेंड़ हुई। भूटामोर गांव के मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों के अनुसार बचकर भागने की कोशिश में पुलिस कीे जीप एक लैम्प पोस्ट से जा टकराई, जिससे शार्ट सर्किट होने की वजह से जीप बुरी तरह जल गई और एक पुलिसकर्मी तालाब में जा गिरा तो दूसरा सड़क पर। लोगों ने पुलिसवालों को मार-मारकर उल्टे पाँव भगा दिया। भगदड़ में वे अपनी एक राईफल भी गाँव में छोड़ गए, जो बाद में स्थानीय पुलिस थाने में जमा कर दी गई। पुलिस और माकपा कैडर दोबारा गाँव में न आ सकें इसके लिए लोगों ने नाकाबन्दी कर दी, पुल गिरा दिया और सड़कों को भी खोद दिया। . . . . . . . पूरा पढ़ें