सहरिया आदिवासियों की व्यथा कथा - एक दर्दनाक हकीकत - एक

मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में भोपाल की एक आलीशान होटल में जश्न मनाया। यह जश्न इसलिये मनाया गया क्योंकि सुरक्षित मातृत्व के संदर्भ में किये गये प्रयासों के लिये दस में से दस अंक मिले हैं परन्तु इस जश्न की रौशनी के बाहर सहरिया आदिवासियों के जीवन में गहरी कालिमा छाई हुई है। राज्य के श्योपुर जिले के सहरिया आदिवासी बहुल गांवों में सरकार के सुरक्षित मातृत्व के मकसद और योजना का चेहरा बदरंग ही नजर आ रहा है। जिला मुख्यालय से साठ किलोमीटर दूर रानीपुरा गांव के शिवलाल की पत्नी भभूति जब गर्भवती हुई तो उसे प्रसव की पीड़ा के साथ-साथ सरकारी व्यवस्था के अमानवीय व्यवहार के कारण होने वाली पीड़ा का अंदाजा नहीं था। भभूति ने अपने सामने ही गांव की छह महिलाओं . . . . . . . . ..पूरा पढ़ें

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