नई दिल्ली। भारत के पूर्व मुख्य भ्रष्टाचार में फंसे न्यायधीश वाई. के. सब्बरवाल के खिलाफ खबर छापने वाले एक अखबार के वरिष्ठ पत्रकारों को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। न्यायमूर्ति आर. एस. सोढ़ी व न्यायमूर्ति बी. एन. चतुर्वेदी की खंडपीठ ने इस अखबार के संपादक (सिटी), तत्कालीन प्रकाशक, स्थानीय संपादक व कार्टूनिस्ट इरफान को दोषी ठहराते हुए कहा कि इन लोगों ने लक्ष्मण रेखा पार कर लिया था। इन सभी को 21 सितम्बर को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट" के एक फैसले में साफ तौर पर लक्ष्मण रेखा खींच दी गई है और हमें लगता है कि प्रकाशक ने इस रेखा को लांघ दिया है। और आज 21 सितम्बर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 माह की सजा सुनाई है। विभिन्न संगठनों द्वारा 28 सितम्बर को न्यायपालिका को अपने भ्रष्टाचार की जवाबदेही तय करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है।
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