भारतीय खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश - अर्जुन प्रसाद सिंह

विदित है कि शासक वर्गों से जुड़े हुए सभी दल व संगठन देश के खुदरा बाजार में देशी/विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के प्रवेश का प्रत्यक्ष या प्ररोक्ष रूप से समर्थन करते हैं। यू.पी.ए. सरकार के मंत्रीगण संसद में खुदरा व्यापार के बारे में गलत तथ्यों को पेश कर आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। दूसरी ओर केन्द्र सरकार को समर्थन देने वाले वामपंथी दल इस क्षेत्र में विदेशी निवेश की छूट देने का केवल अनुष्ठानिक विरोध कर संघर्ष की धार को कुंठित कर रहे हैं। सबसे बड़े विपक्षी दल भाजपा की स्थिति सांप-छुछुंदर की बनी हुई है। अपने को व्यापारियों का हितैषी होने का दावा करने वाली यह पार्टी फिलहाल अंदरूनी कलह में बुरी तरह फंसी हुई है। एक ओर यह कांग्रेस की तरह वैश्वीकरण व उदारीकरण की नीतियों की पुरजोर वकालत करती है, दूसरी ओर इसका स्वदेशी जागरण मंच खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश की अनुमति देने के खिलाफ अखिल भारतीय खुदरा व्यापार सम्मेलन आयोजित कर आम जनता व व्यापारी समूह को दिगभ्रमित करता है।

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