क्या सद्दाम की सबसे प्रिय बेटी रगद को भी फांसी चढ़ाएगा अमेरिका? : विश्रान्त चंद्र/दुबई, समकाल हिन्दी पाक्षिक

क्या दिवंगत राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की सबसे बड़ी और प्रिय बेटी रगद को भी मौत के घाट उतार दिया जाएगा? जब से अमरीका समर्थित इराकी सरकार ने दिवंगत राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को फांसी दी है, तभी से रगद को बंदी बनाने के लिए तलाश की जा रही है। 2003 में हुए अमरीका के इराकी हमले के बाद रगद अम्मान चली गई थी, जहां जॉर्डन के नवाब अब्दुल्लाह ने न केवल उसका स्वागत किया बल्कि शाही आवास में उसकी मेहमाननवाजी की थी। पर एक महीना पहले इराकी सरकार की प्रार्थना पर इंटरपोल ने 38 वर्षीया रगद के खिलाफ 'लोगों के जीवन से खिलवाड़, विद्रोह भड़काने और आतंकवाद जैसे अपराधों' का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

एक अमरीकी हमले में अपने दोनों भाइयों उदय और कुसय की मृत्यु के बाद दिवंगत राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की अकेली वारिस होने के कारण रगद को कई दल अपना निशाना बनाए हुए हैं। जॉर्डन के अधिकारी हालांकि उसे यह कहकर सौंपने से इंकार कर रहे हैं कि वह जॉर्डन में रहने की अधिकारिक शर्तों का पालन कर रही है, वह न तो राजनैतिक रूप से सक्रिय है और न ही कोई सार्वजनिक वक्तव्य दे रही है, लेकिन अब जॉर्डन शासन चौकन्ना हो गया है, क्योंकि जैसे-जैसे इराक-युध्द और अमेरिका समर्थित सरकार अलोकप्रिय हो रही है, रगद ने इराक के आक्रमण के विरुद्ध बोलना शुरू कर दिया है। फांसी पर लटकता हुआ सद्दाम का सिर का भयावह दृश्य और आये दिन इराक में होने वाली निर्मम हत्याओं ने लोगों को सद्दाम का अतीत भुलाकर उनका ध्यान गैर कानूनी युध्द पर लगा दिया है। पिता के लिए शोक मनाने वाली रगद ही मुख्य व्यक्ति थी। यमन में सुरक्षा बलों के मुखिया द्वारा आयोजित एक उत्सव में उसने कहा, ''सद्दाम हुसैन एक सच्चे हीरो और अरब नेता हैं। मुझे उनपे, उनके संघर्ष और बलिदान पर गर्व है। मुजाहिद्दीन और विरोधी इराक में काम करते रहेंगे, नि:संदेह ईराकियों को सफलता मिलेगी।'' मुकद्मे के दौरान अपने पिता को बचाने के लिए रगद ने हर संभव कोशिश की। उसने तब कहा था, ''खेद है कि वे लोग मेरे पिता से ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह कोई इंसान ही न हो। मेरे पिता की बेटियां हैं, उन बेटियों के बच्चे हैं, उन्हें इंसानियनत के रास्ते सोचना चाहिये। वे सोचते हैं कि मेरे पिता के पास मानवीय जीवन की कमी है लेकिन विस्तार में न जाकर अमरीकियों को उनके परिवार के साथ मानवीय रूप से व्यवहार करना चाहिए।''

सच तो यह है कि सद्दाम का परिवार खत्म हो रहा है, कुछ सदस्य मर चुके हैं तो कुछ वनवास में हैं, बाकी छिप गए हैं। सद्दाम का जीवित बेटा, अली सद्दाम की दूसरी पत्नी, अपनी मां के साथ लेबनान में रहता है और इराकी संघर्ष में शामिल भी नहीं होना चाहता। सद्दाम का सौतेला भाई वारजन को एक मुकद्मे के बाद फांसी पर लटका दिया गया और केमिकल अली के नाम से प्रसिद्ध उसका चचेरा भाई अली हुसैन अल-माजिद मुकद्मे और फांसी की सजा भुगत रहा है। समझा तो यही जा रहा है कि यदि जॉर्डन ने रगद को इराकी सरकार को सौंपने का निश्चय किया तो उसे मौत के घाट ही उतार दिया जाएगा। साभार: समकाल (ग्लोबल हिन्दी पाक्षिक )

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