नक्सली बताकर जेल भेजा फिर किया सामूहिक बलात्कार

नक्सली बताकर जेल भेजी गयी बबिता से पहले सामूहिक बलात्कार हुआ फ़िर जेल में उसका गर्भपात कराया गया. बलात्कार की शिकार शिवनारायण की 19 साल की बेटी बबिता जब अदालत में आयी तो न्यायिक मजिस्ट्रेट आर. के. मिश्र के सामने अपने आँसू नहीं रोक पाई. सोनभद्र में नक्सलवाद के नाम पर पुलिस प्रशासन ने न सिर्फ़ बेगुनाहों को फंसाया बल्कि फर्जी मुकदमें भी लादे.

रोमा का उदाहरण सामने हैं जिन् राज्य सरकार की पहल के बाद बावजूद जमानत मिलने में कई दिन लग गए. रोमा ने जहां जेल के भीतर के हालात की जानकारी दी, वहीं नक्सली बताकर जेल भेजी गई बबिता ने अदालत में आपबीती बता कर लोगों को हैरान कर दिया. बबिता ने पेशी पर जेल से बाहर आने के बाद ‘जनसत्ता’ से कहा कि मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया गया तीन ठेकेदारों ने रायपुर थाने की पुलिस के सहयोग से सिल्थम गांव के पास बलात्कार किया था. गौरतलब है कि ‘जनसत्ता’ में नक्सली बबिता के गर्भपात की खबर प्रकाशित हुई, जिसके बाद प्रशासन लीपापोती में जुटा.

मिर्जापुर के मानवाधिकार कार्यकर्ता शरद शाक्य ने कहा यह ‘गंभीर मामला है जिसकी उच्चस्तरीय रात कराई जानी चाहिए. वरना पुलिस फ़िर कोई फर्जी कहानी गढ़ देगी’ दूसरी तरफ़ स्थानीय स्तर पर आदिवासियों के लिए काम कर रहे एक कार्यकर्ता ने आशंका जताई कि बबिता का मामला उछलने के बाद उस पर दबाव डालकर पुलिस प्रशासन फ़िर कोई फर्जी बयान तैयार करा सकता है.

बबिता ने अदालत के बाहर साफ़ कहा कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस वाले इसमें शामिल थे. बबिता ने इंकार किया और कहा कि पुलिस वालों ने गलत काम नहीं किया लेकिन थाने के एक नायाब दरोगा के संरक्षण में उसके साथ ठेकेदारों ने बलात्कार किया. मानवाधिकार कार्यकर्ता रोमा ने बताया कि बबिता के नाक और शरीर पर चोट के निशान गैंगरेप व जुर्म की दास्तान स्वयं बयान कर रहे हैं. -जनसत्ता

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