''विश्वबैंक पर स्वतंत्र जन न्यायाधिकरण' : नील टैंग्री

21-24 सितम्बर 2007 को सैकड़ों लोग ''विश्वबैंक पर स्वतंत्र जन न्यायाधिकरण' के लिए इकट्ठा होंगे। 4 दिन के इस सत्र में दुनिया की सर्वाधिक शक्तिशाली संस्थाओं में से एक विश्वबैंक के खिलाफ अपने जीवन के हर क्षेत्र की शिकायतें दर्जनों न्यायधीशों के सामने रखेंगे। भारत में विश्वबैंक पर स्वतंत्र जन न्यायाधिकरण का आयोजन करने का प्रयास, अन्याय के खिलाफ विद्रोह मात्र नहीं है बल्कि उससे कहीं बढ़कर कुछ करने का प्रयास है। जन न्यायाधिकरण एक सुविचारित राजनीतिक विचारधारा है, जिसका उद्देश्य 'नव-उदारवाद और आर्थिक नीति' के मुद्दे पर बहस को जगाना है।
लेकिन मुख्य रूप से यह विश्वबैंक और एलीट वर्ग की 'ज्ञान पर तानाशाही' के खिलाफ सीधा प्रहार है। गरीबों, आदिवासियों, दलितों, महिलाओं और अन्य वंचित लोगों के अनुभवों और साक्ष्यों को उजागर करता हुआ यह न्यायाधिकरण विश्वबैंक के अपने ही (आर्थिक और सामाजिक नीति के ज्ञान के) साधनों के खिलाफ सीधा संघर्ष है।
पूरा पढ़ें

मुद्दे-स्तम्भकार