भारतीय जीवन बीमा क्षेत्र को बेचा जा रहा है - डा. कृष्ण स्वरूप आनन्दी

यद्यपि वर्तमान में घरेलू बीमा सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत है, फिर भी बीमा बहुराष्ट्रीय कम्पनियां तेजी से भारत के बीमा क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं और यहां अपने कारोबार को तेज कर रही हैं। वें भारतीय साझेदारों के साथ तेजी से संयुक्त उपक्रम बना रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि निकट भविष्य में बीमा क्षेत्र का और उदारीकरण होगा अर्थात बीमा क्षेत्र में सीधे विदेशी पूंजी निवेश की सीमा पहले 26 प्रतिशत से 49 प्रतिशत तक फिर 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक और अंत में 100 प्रतिशत तक बढ़ा दी जायेगी। पिछले 5 वर्षों के दौरान निजी बीमा कम्पनियां, जिनमें विश्व की विशाल बीमा कम्पनियों की भी हिस्सेदारी है, 90 प्रतिशत की दर से विकास कर रही है जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा निगम केवल सालाना 40-45 प्रतिशत की विकास दर पर ही अटकी हैं, हांलाकि देश में जीवन बीमा व्यवसाय 100 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।.......

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